Donation
प्रकट चारि पद धर्म के,कलि महुँ एक प्रधान |
जेन केन बिधि दीन्हे , दान करइ कल्यान ||
श्री रामचरित मानस में बताया गया है कि यूँ तो धर्म के चार स्तंभ है ( सत्य,तप, दया और दान) जिसमें से कलियुग में दान ही सर्वोपरि माना गया है ,अतएव बुद्धिमान पुरुषों को किसी भी बहाने अथवा किसी भी परिस्थिति में दान करना ही चाहिए , अर्थात दान ही कल्याणकारी होता है ||
अल्पमपि क्षितौ क्षिप्तं वटबीजं प्रवर्धते |
जलयोगात_ यथादानात_ पुण्यवृक्षोपि$वर्धते|
शास्त्र कहते हैं जैसे वृक्ष से छिटका हुआ एक बीज,वर्षा जल पाकर महान विशाल वटवृक्ष बना देता है वैसे ही हाथों से दिया गया धर्मार्थ, परमार्थ दान सुख सौभाग्य बढ़ा देता है, अर्थात पुण्य वृद्धि के लिए दान करना चाहिए I
विश्व प्रसिद्ध खाटूधाम में श्री खाटूनरेश श्री श्याम बाबा की प्रेरणा से रींगस रोड पर सनातन धर्म सेवा समिति आध्यात्मिक सिद्धि साधना जन कल्याण केंद्र के रुप में उत्तर भारत का प्रथम "श्री स्वर्णाकर्षण शक्तिपीठ " के निर्माण कार्यों में आप सहयोग कीजिए और सहयोग की प्रेरणा भी दीजिये I
संस्थापक
आचार्य- भगवत् शरण भगवान जी महाराज
भागवताचार्य, ज्योतिष, वेदांत ,वास्तु व
यज्ञानुष्ठानविद्